भूल से भी न ऐसा कार्य करो दूसरों को जिससे कोई कष्ट हो अपने कृत्यों का करो मंथन गलती को स्वीकार करो क्षमा माँग लो लो साफ दिल से न कभी अभिमान करो सदा रहोगे ग्लानि मुक्त गलती को स्वीकार करो सुप्रभात। हम मनुष्यों से ग़लती होती रहती है। ज़रूरी है उसे स्वीकार करना और उससे सीखते हुए आगे बढ़ जाना। #ग़लती #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi