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आंखों से इसलिए मेरे लाली नहीं जाती । कोई रात जो त

आंखों से इसलिए मेरे लाली नहीं जाती ।

कोई रात जो तेरी यादों से ख़ाली नहीं जाती।

कोई आये आकर मेरे दर्द संभाले ।

ये जागीर तो हमसे संभाली नहीं जाती ।



# wasi shah # # wasi Shah poetry# ye जागीर हमसे
आंखों से इसलिए मेरे लाली नहीं जाती ।

कोई रात जो तेरी यादों से ख़ाली नहीं जाती।

कोई आये आकर मेरे दर्द संभाले ।

ये जागीर तो हमसे संभाली नहीं जाती ।



# wasi shah # # wasi Shah poetry# ye जागीर हमसे
azeemkhan5403

Azeem Khan

Gold Star
New Creator
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