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पीतांबर में खिलता जो सूरजमुखी सा चेहरे पर गुलाबी न

पीतांबर में खिलता जो सूरजमुखी सा
चेहरे पर गुलाबी नूर सा
दिखती जो कवि के ख्यालों के फूल सा
कोई सानी नहीं मेरी हूर का
उगते सूरज की किरण
शीतलता महताब की 
कोई है मेरे हज़ूर सा

©Dr  Supreet Singh
  #तुम_प्यार_की_फुहार_सी