बेजुबाँ से जज़्बातो को आज जुबाँ मिल गई ... तुम्हे चाहना मेरी खता बन गई ... तुम तो छोड़ आये थे मुझे उन अँधेरे रास्तो मे ... तुम ही तो बदल आये थे मेरी हँसी को खमोशियों मे ... देख आज वक्त की इस चाल को ,, इन भटकते हुऐ रास्तो मे ,, मै खुद से ही मिल गई ... बेजुबाँ से जज़्बातो को आज जुबाँ मिल गई .... #nojoto #nojotohindi #hindipoetry #hindi #kalakaksh