वो बारिश की बूंद थी, मैं समंदर का पानी था। वह मुझ में आकर गिर जाए; यही मेरी है जिंदगानी थी।। मैंने कभी सोचा ना था, कि वो इस कदर आ कर गिरेगी मुझ पर; मैनु तो यू जीने की आस छोड़ रखी थी। पर उसने गिर कर जीने की आस बढ़ा दी** मैंने तो कभी सोचा ना था, कि वो इस तरह मेरे पास आएगी।। मैं कहूंगा चली जा! फिर भी वह मुझसे दूर कुछ दिनों बाद चली जाएगी। वह बारिश की बूंद थी, मैं समुंदर का पानी था।। ©Anand chaudhary # तेरी यादों की बारिश मे # जिंदगी #Drops #फ़रेबी_मोहब्बत