ज़िस्म की परछाई भावनाओं की परछाइयाँ सोती जागती ख़्वाबों ख़यालों की परछाइयाँ दिन के उजास से रातों की तनहाइयाँ तलक शोहरत के परचम से सभी रुसवाईयाँ तलक एक खूबसूरत अहसास दिल के आसपास दोस्त, सखा, मित्र ज़िन्दगी का तू है अहसास समझाता भी है वो मुझको सिखाता भी है नसीहत के कड़वे घूंट वो पिलाता भी है कभी पिता सा कठोर कभी ममतामयी माँ कभी लगे जान का दुश्मन कभी मेरी जाँ दोस्त, तू मेरे वजूद की सबसे बड़ी पहचान तू सखा तू सारथी तू ही कृष्ण तू ही भगवान. ©malay_28 #मित्रतादिवस