जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°° हाँ, हमने देखे है वो दौर भी जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी चिट्ठी के अंदर गुलाब के फूल भी भेजी जाती थी अपने प्रेम को प्रियतम कह सम्बोधन होता था मैं ठीक हूँ, तुम बताओ? ये पूछा जाता था तुम अपना ख्याल रखना ये बात प्रतिदिन दोहराई जाती थी इस बात का अफसोस हमेशा रहता था मज़बूरी है कल मैं मिल नहीं पाऊंगी हाँ, हमने देखे है वो दौर भी जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी ★★★★★★★★★★★★★★★★★★★★ #NojotoHindi जब मोहब्ब्त में चिट्ठियां लिखी जाती थी °°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°°