प्यारे दोस्त आज की इस आडंबर भरी दुनिया में मुझे तुम बहुत याद आते हो। तुम नही हो यहां फिर भी अपनी कमी से मुझे अब भी सताते हो । मेरी आदत में शुमार होकर यूँ कैसे दूर जा सकते हो । सोचती हूँ जब भी कहानी में तुम्हें पिरोने का, तुम शब्दों से पहले ही कही खो जाते हो । मेरे दोस्त तुम आज भी मुझे बहुत याद आते हो । ©Rooh_Lost_Soul शब्दो मे नही बांध पाती हूँ जब भी बात तुम्हारी आती है तुम दिल मे थे, दिल मे हो और इस दिल में ही रहोगे हमेशा हमेशा । रिश्ता अनकहा दोस्ती का हमारा अनछुआ, अनसुना ही रहने दो । जिसे जो भी अच्छा लगे अब, उस वो कहने दो ....