इन लम्हों को वक़्त के पन्नों में क़ैद करना चाहती हूँ, सोखकर आँखों के आँसू, ख़ुशियाँ भरना चाहती हूँ। छोड़ेंगे अकेला और वक़्त या हालात नहीं देंगे साथ, बेसब्र लहरों में किनारे जैसे सहारा बनना चाहती हूँ। बिना रुके बढ़ते रहना करना पूरे अपने हर अरमान, हर हाल में हमेशा साथ रह तुममें मिलना चाहती हूँ। वक़्त की इन सलाखों से रेत से हम फ़िसल जायेंगे, हर राह में बनकर हमसफ़र साथ चलना चाहती हूँ। तन से दूर होने के बाद भी मन पास रहता है 'धुन', वजह-बेवजह मुस्कान में यूँ ही सँवरना चाहती हूँ। Rest Zone 'तस्वीर विश्लेषण' #restzone #rztask113 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #rzwotm #rzsangeetadhun #yqdidi