उड़ पाते गगन में पकड़ने की साज़िश खूब होती मग़र हाँथ ना आती मैं चहक चहक कर शोर मचाती नीले आसमान में कोमल से पंखों को खूब लहराती मन मस्त होकर नाच खूब दिखाती मैं..... सुप्रभात। आओ, हम भी परिंदों की तरह, हम भी आसमाँ की सैर को निकलें। #परिंदोंकीतरह #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi