एकवेणी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता। लम्बोष्ठी कर्णिकाकर्णी तैलाभ्यक्तशरीरिणी॥ वामपादोल्लसल्लोहलताकण्टकभूषणा। वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयङ्करी॥ सदैव शुभ फल देने वाली माँ भगवती के सप्तम स्वरूप माता कालरात्रि की कृपा चराचर जगत पर बनी रहे। जय जगदम्बे 🙏🙏 ©ad sanjay kumar prajapati #navratri जय माता दी