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कभी मिलेंगे तो ये क़र्ज़ भी उतारेंगे तुम्हारे चेहर

कभी मिलेंगे तो ये क़र्ज़ भी उतारेंगे
तुम्हारे चेहरे को पहरों तलक निहारेंगे

ये क्या सितम कि खिलाड़ी बदल दिया उसने
हम इस उम्मीद पे बैठे थे हम ही हारेंगे

सच से वाकिफ हैं,मगर जान मुसीबत ये है
ये लोग तेरे हैं, पत्थर मुझी को मारेंगे

हमारे बाद तेरे इश्क़ में नए लड़के
बदन तो चूमेंगे, ज़ुल्फें नहीं संवारेंगे ....

©Jyoti Prakash
  #Hum_jaisa_na_dhund_paoge