कैसा वक़्त हो चुका है अब कल तक वक़्त ही वक़्त हुआ करता था अब ख़ुद के लिए भी वक़्त नहीं होता।। जब से समझदार हुए हैं ख़ुद से भी अब दूर हुए हैं।। कोई अपना नहीं अब कोई किनारा नहीं संभलती हुई जिंदगी में अपना कोई ठिकाना नहीं।। ज़िन्दगी खड़ी है दोराहों पर जहाँ हमारा कोई सहारा नहीं।। ©Ammi #ammi#ammi_k_alfaj#ankhe__alfaj#ammi9