भीड़ को एक सक्स चीख कर बताता है।।। इस मोड़ के आगे ये रास्ता कहां जाता है।। किसको सुने किसको ना सुने साहिब,, यहां हर सक्स एक नया सच सुनाता है।।। मेहरबां हो हर सक्स हम पे उसके जैसा,, समुंदर में सहरा मांगू तो रेत लेके आता है।।। आता है इतने आहिस्ते, कुछ मालूम न चले,,, वो सक्स कब दिल के पार उतर जाता है।।। बिगड़ा हूं मै ऐसे की बनाया ना जाऊंगा,,, कोई कारीगर क्या पानी का घर बनाता है।।। पेड़ से बीज मिट्टी में गिरा पेड़ बनके निकला,,, ये सिलसिला भी कभी कोई रोक पाता है।।। *Shantanu ©Bhasha-e-dil# shantanu saks #adventure