कोई रूठा हुआ है अपने घरौंदे के हालात देखकर, क्यों कातिल हवाएँ खुश हो रही है, तिनकों को बिखेरकर। मेहनत और 'नेह' से बनाया था जो सुकून का बसेरा, वो बन गया है लीलने को बैठे शत्रुओं का डेरा। मौसम की चाल के शिकार बने परिन्दे, बेबस होके देख रहे टूटते बसेरे। दिल पर एक बोझ सा रहता है जब कोई रूठ जाता है। #रूठाहुआहै #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #घर #घरोंदा #घर के बुजुर्ग