जिस राह से गुजरे उस राह पर पैरो के निशान तक छुट जाते है, रास्ते भी तो याद रख जाते है की ये निशान गुजरा है यहा से | तो हम तो इंसान है, कही लोग आते जाते रहते है, हमारे इस राह पे भी कही निशान पड़े है, क्यों फिर ये याद नही रह पाते | क्यों फिर वो निशान को मिटाना है तू चाहते? एक बात सीखी है इस राह से, अच्छे बुरे कोई भी गुजर जाये पास से, निशान है पास मे कभी भूलना नही इस बात से | क्या खबर किस घड़ी को वही फिर काम आए, या वही फिर कुछ बुरा कर जाये, तो याद रखना ये हर एक बात को, और समज लेना हर एक इंसान को | निशान...