तुम्हारे ह्र्दय मे अनुराग सा मैं तुम्हारे होठों पे शब्द सा मैं अलग सा कहां मैं जुदा सा कहां तुझसे क्यों रहती हो विस्मित यूँ तुम पे तुम में तुमसे तुम तक तुम्हारा ही मैं तुम्हारे सजल काजल में उपमा सा मैं तुम्हारे नींदों के जार में ख्वाब सा मैं नहीं दिखता नहीं रहता तुम्हारे बिन मैं कोपल सी अहसास तुम स्पर्श सा आवरण मैं नहीं व्याख्या मेरे बिन नहीं कहानी तेरे बिन क्यों करती आँसुओ से विरह की साज सवांर जब हूँ मैं ही तुम्हारा अस्त्वित्व् , बदन , लफ्ज , साँस स्मृति , अभिलाषा प्रेम, जीवन और शाम सुबह ©kunal kanth #kamil_kavi #Kunalpoetry #dedicated_to_my_lifeline #love❤ #Komu❤️🌹 #kunu Nojoto Nojoto