मन में दुख भरा है कितना काश कोई पैमाना होता मन खामोश हुवा है इतना कोई शोर पुराना है कितना काश कोई पैमाना होता बेआवाज़ हुई हैं बातें दबी हुई हैं जज्बाते सुनसान हुई हैं रातें कैसे कोई जागे इतना अहम कोई बात दबी है जितना दर्द हुवा है ज्यादा उतना काश कोई पैमाना होता काश कोई पैमाना होता ! ©gudiya #dard #दर्द #paimana #Nojoto #gudiya #Twowords