Nojoto: Largest Storytelling Platform

कैसी मासूमियत है तेरी मुझे दिखाई नहीं देती तेरे औ

कैसी मासूमियत है तेरी मुझे दिखाई नहीं देती

तेरे और मेरे नाम की गूंज कानों को सुनाई नहीं देती

और कब तक देखता रहूं ऐसे ही अकेला खुद को

मुझे याद आता है तू और तुझे मेरी नम आंख दिखाई नहीं देती

©Prem Yaduvanshi
  प्रेम की शायरी

प्रेम की शायरी

145 Views