पिता! तुम हो सबक़ का ज़िन्दा दस्तावेज सतरंगी दुनिया में हो तुम सादे सबक़ की मिसाल तंग ख़यालों की दलदल से तुम हमें निकलते रहे हदों से हटकर तुम अपने नक़्शे ख़ुद गढ़ते रहे तेरी कोशिशों के दीयों को सलाम # पिता! हम तेरे होश की हद नहीं जानते