बड़ जाती है जब बेकरारी या तब चेन से कभी हम नहीं सोते रोक लेते जो तुम बाण शब्दों के तो मेरे दिल के ज़ख्म इतने गहरे नहीं होते सुरेन्द्र लोहोट 10/10/2021 ©surender kumar #lamppost