जद युद्ध की टनकार हुई राणा न हुँकार भरी भाला फरसा आली सेना त्यार करी लहू सुं हळदी घाटी लाल हुई गिनती के राजपूत तुर्क मारया हजार राणा प्रताप नै कर वार पर वार आंख्यां से आगे मौत नाचती देख भाग्या उल्टे पाँव अस्त्र शस्त्र फेंक सोच्या राजपुता सूं जीतनो मेंवाड़ कोनी हँसी खेल कोनी खिलवाड़ शत्रु बी जिनका गुण गाता होवे जद युद्ध की टनकार हुई राणा न हुँकार भरी भाला फरसा आली सेना त्यार करी लहू सुं हळदी घाटी लाल हुई गिनती के राजपूत तुर्क मारया हजार राणा प्रताप नै कर वार पर वार आंख्यां से आगे मौत नाचती देख भाग्या उल्टे पाँव अस्त्र शस्त्र फेंक