तुम्हारे आने से पहले भी हम तन्हा जी ही रहे थे ज़हर ज़िंदगी का हम खुद-ब-खुद पी रहे थे तुमसे मिलकर ज़िंदगी यकायक खूबसूरत होने लगी फ़िर तुम्हारे जाने से हर उम्मीद हमारी टूट गई आए क्यूँ तुम मेरी ज़िंदगी में जब रुकना ही ना था समाए ही क्यूँ थे दिल में जब उसे तोड़ना ही था 🔴 "दोस्तों आप लोग कोल्लब (COLLAB) करने से पहले कैप्शन जरूर पढ़ लें" 🔴 " इस प्रतियोगिता का समय सीमा आज रात्रि 12:00 बजे तक ही मान्य होगा"