.. .. .. .. .. || कर त्रिशूल सोहत छवि भारी, करत सदा शत्रुन क्षयकारी || ||🌸|| ॐ नमः शिवाय ||🌸|| _________________________________________________ भावार्थ :- जिनके हाथ का त्रिशूल अत्यंत सुन्दर प्रतीत हो रहा है, वही निरंतर शत्रुओं का विनाश करता रहता है l