ऐ खुदा। काश तू बता पाता, की हम एक है। काश तू बता पाता, तुमने सिर्फ इंसान बनाया है। काश ,तू बता पाता कि हमारा धर्म हमारी इंसानियत है। काश, तू बता पाता कि हर इंसान में तू है बसता। काश, तू कह पाता कि जब तू एक है, तो तुम्हारे अलग अलग नाम क्यों? काश, तू कह पाता कि जब तू इंसान है, तो तेरी अलग अलग पहचान क्यों? काश, तू कह पाता कि तुम एक हो कपड़ो में खुद को मत बाँटो तुम। काश, तू कह पाता इंसान हो आपस मे इंसानियत बाँटो तुम। काश, तू हम इंसान को ,इंसानियत का पाठ पढ़ा पाता।काश ,तू बता पाता, मैं एक हूँ । मुझे मंदिर मस्जिद में मत बाँटो तुम। -@Harsh #footsteps #poem #God #Art