मेरे दोस्त, दोस्त नहीं मेरी जान है इन्हीं से है हस्ती मेरी इन्हीं से मेरी शान है एक होने से इनके है मुकम्मल दुनिया मेरी बिना इनके तो सुना सारा जहान है इनके वजूद से है वजूद मेरा इन्ही से तो मेरी पहचान है मेरे दोस्त, दोस्त नहीं मेरी जान है दोस्तों से है यकीन मेरा और दोस्ती पर गुमान है है पाकीजा यह दोस्ती इस बात पर अभिमान है ना कोई मजहब यहां हिंदू मुसलमान वाला दोस्ती में सारे एक समान है कहने को तो सिर्फ लफ्ज़ है ये दोस्ती पर इस लफ्ज पर ही ये जां मेरी कुर्बान है मेरे दोस्त, दोस्त नहीं मेरी जान है #Happy_makar_sankranti #friendship #beingwriter #friendshipquote #dosti