खुश रहते थे हम अपनों के साथ हम में भी थी प्यार भरे छीन ली आजादी हमारी सारी जब हम गए किसी शहर में दाना चुगने के लिए छत पर उतरे हमें ना पता था दो दाने के बदले जिंदगी छीन लेगा वह Sabse payara mera गांव