कपड़े,खाना,पन्ने अकसर कृंतक ऐसी चीजें कुतर जाते हैं जिससे परेशान होकर हम कोई जहरीला पदार्थ इस्तेमाल कर उन्हें खत्म कर देते हैं पर उन कृतंक का क्या जो हमारे समाज में इंसान के रूप में बैठे हुए हैं और बेख़ौफ़ होके मानवता की चादर को कुतरते चले जा रहे हैं, आखिर ऐसा क्या हैं की ये जहर से भी जहरीली सोच रखने वाले समाज के कृंतक अपनी संख्या बढ़ाते चले जा रहे हैं......?! ©Priya Sahu #rodent#मानवता#सोच#rights