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भले ही किसी गैर की जागीर थी वो। पर मेरे ख्वाबों की

भले ही किसी गैर की जागीर थी वो।
पर मेरे ख्वाबों की भी तस्वीर थी वो।
मुझे मिलती तो कैसे मिलती?
किसी और के हिस्से की तकदीर थी वो।

©Dil galti kr baitha h
  so sweet my all frndss

so sweet my all frndss #Shayari

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