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किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरी

किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात गर्मी, बारिश, ठंड की परवाह किए बिना अपने खेतों में अपने श्रम से फसलें उगाता है और वही अनाज पूरे देश के लोगों की भूख को शांत करता है। इसीलिए किसानों का महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है।

©Ravi Shankar Kumar Akela #Parchhai किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात गर्मी, बारिश, ठंड की परवाह किए बिना अपने खेतों में अपने श्रम से फसलें उगाता है और वही अनाज पूरे देश के लोगों की भूख को शांत करता है। इसीलिए किसानों का महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है।
किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात गर्मी, बारिश, ठंड की परवाह किए बिना अपने खेतों में अपने श्रम से फसलें उगाता है और वही अनाज पूरे देश के लोगों की भूख को शांत करता है। इसीलिए किसानों का महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है।

©Ravi Shankar Kumar Akela #Parchhai किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात गर्मी, बारिश, ठंड की परवाह किए बिना अपने खेतों में अपने श्रम से फसलें उगाता है और वही अनाज पूरे देश के लोगों की भूख को शांत करता है। इसीलिए किसानों का महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है।

#Parchhai किसान को धरती पुत्र भी कहा जाता है, अमीर हो या गरीब, राजा हो या उद्योगपति सभी का जीवन किसान की मेहनत पर आश्रित है। किसान दिन-रात गर्मी, बारिश, ठंड की परवाह किए बिना अपने खेतों में अपने श्रम से फसलें उगाता है और वही अनाज पूरे देश के लोगों की भूख को शांत करता है। इसीलिए किसानों का महत्व शास्त्रों में भी वर्णित है। #समाज