निगाह-ए-नाज़ से बना देते हो तुम मेरी दिलकश तस्वीर तेरे दिल-ए-आसमां पर बिखरे हैं प्यार के रंग हज़ार, महफिल-ए-जाँ तेरी शोखी-ए-फितरत पर है मेरी जान निसार रोक ले यह चांदनी रातें कों ले चलो मुझे चांद के पार है यह तेरी मोहब्बत-ए-रंग का जादू हर एहसास-ए-गुल पर आ गया निखार तेरी सोहबत में अब दिन रात मेरी जिंदगी में है बस बहार ही बहार। ♥️ Challenge-988 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।