सखी आयो सावन की बहार जी झुला पड़ गयो अमवाँ के डार जी मिली जुल सब गावे गितिया अबकी कजरी व मल्हार जी झूला पड़ गयो अमवाँ के डार जी साजन देख लजाए गोरी करती जाए सोलहो श्रृंगार जी झूला पड़ गयो अमवाँ के डार जी बिंदियां चुड़ी कंगन बिछिया गुँजन करती पायल की झंकार जी झूला पड़ गयो अमवाँ के डार जी ये सावन निर्मोही देखो अगन लगावे अंग-अंग के पार जी झूला पड़ गयो अमवाँ के डार जी देख कर ये बैरन सखियां चलाए बातन की कटार जी झूला पड़ गयो अमवाँ के डार जी 💐💐💐💐💐💐💐💐 अंजली श्रीवास्तव #citysunset #सावन_का_महीना #झूला