वो मेरे अपनें तो हैं मगर वफादार नहीं हैं मल्लिका-ए-हुस्न हैं तो हैं सरकार नहीं हैं महोब्बत रखते हैं ये भरम था हमको हम नादान ज़रूर हैं ज़रा कोई बीमार नहीं हैं उन्हें कह दो कि दिखावे की समझ है हमको हर ख़ता भूला दें आदतन् उनकी इतने तलबग़ार नहीं हैं ख़ता इक बार हो तो माफ़ी है ये सौगात उन्हे बार बार नहीं है। #Infidelity