जबसे तुम मुझे मिल कर गई, तुम्हारी मीठी खूशबू मेरे पास रह गई, नज़र झुका के तुमने जब पलकें झपकाई थी, फिर तुमने जो बालों की लट कान के पीछे खिसकाई थी, हाए उसी दिन मेरे दिल की तबाही थी, रिश्ता भले ही तुमसे जो भी बने मैं टूटने नहीं दूँगा, काग़ज़ की नाव को मैं समंदर में भी डूबने नहीं दूँगा, मिश्री जैसी बातें तुम्हारी कानों में मिठास घोल देती हैं, दिली बातें जो तुम कह ना सको तुम्हारी आँखें बोल देती हैं, ना जाने अब तुमसे फिर कब मुलाक़ात होगी, लेकिन जब भी होगी वही हवा और वही बात होगी, अब शायद हम ख्वाबों में मिलें, जैसे कोई फूल दबा हुआ किताबों में मिले। #dear_crush ©Vipin Mittal #dear_crush