तड़प कितनी है तुम्हे पाने की गर बता दूंगा तो क्या तुम मान जाओगी……... मेरे सीने में जो तुम्हारी धुंधली सी जो झलक है क्या उसे तुम पहचान पाओगी………………….. अजीब लग रहा है मुझे अपना प्यार बयां करने में……………………. गर बयान कर भी दूं…………. तो क्या तुम मेरे इस मासूम ख्वाब को हक़ीक़त में बदल पाओगी…………………….. कोशिश तो मैंने कई मलतबा किया तुम्हे कुछ कहने को..... कुछ कह गुजरने को....... गर फिर से हिम्मत किया तुम्हे पाने को... तुम्हे अपना बनाने को….. तो क्या तुम... मेरे इस पहले कदम को मेरी मंजिल का रास्ता दिखा पाओगी............................ ©Deepshikha ojha ( Bihari + Banarsi) #dsojha #Deepshikhaojha #tokyatummaanjaaogi #lovepoetry #loveshayri https://youtu.be/mHmLeGirddE complete poem sune on my youtube channel Dsojha poetry