कुछ लोग भलाई कर के, भूल जाते हैं। यही कर्म उनके, परोपकार कहलाते हैं। ऐसे हातिमताई, आज कहाँ मिलते हैं, अक्सर लोग उसी पल , सिला चाहते हैं। श्याह रातों मे, साया भी साथ छोड़ देता है, वक़्त के साथ, इन्सान बदल जाते हैं । जिनकी निगाहों मे कभी, बसेरा था अपना, वही आज नज़रें चुरा कर, गुज़र जाते हैं। जिस्मो-ज़र का, ज़माना है, "फिराक़" , बेलोस ख़िदमतगार, कहाँ नज़र आते हैं। नमस्कार लेखकों! 🌺 आज का WOTD (Word Of The Day)— परोपकार or Generous. 🌻दिए गए शब्द का अपने लेखन में प्रयोग किजिये। 🌻अपने लेखन को आप अपनी मर्ज़ी मुताबिक हिंदी या English में अभिव्यक्त कर सकते है। (Both Hindi and English are allowed.)