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वो कड़कड़ाती ठंड वो महकती कुल्हड़ मे चाय... वो कपकपत

वो कड़कड़ाती ठंड 
वो महकती कुल्हड़ मे चाय...
वो कपकपती रगड़ती हाथ 
वो मचलती निगाहें...
वहुत से राज़ उगले है तुने,
बहुत से दफनाये...
ले फिर आया सर्द मौसम,
फिर वही महकती कुल्हड़ मे चाय...
फिर वही शौख भरी निगाहें 
फिर वही कमाल करती अदायें 
कही तो वक़्त ठहर जायें...

अब उम्र हो चुकी हैं                                              
अब उम्र हो चुकी हैं                                              


  by...✍Ashraफ #बढ़ती उम्र
वो कड़कड़ाती ठंड 
वो महकती कुल्हड़ मे चाय...
वो कपकपती रगड़ती हाथ 
वो मचलती निगाहें...
वहुत से राज़ उगले है तुने,
बहुत से दफनाये...
ले फिर आया सर्द मौसम,
फिर वही महकती कुल्हड़ मे चाय...
फिर वही शौख भरी निगाहें 
फिर वही कमाल करती अदायें 
कही तो वक़्त ठहर जायें...

अब उम्र हो चुकी हैं                                              
अब उम्र हो चुकी हैं                                              


  by...✍Ashraफ #बढ़ती उम्र