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आस्तीन हो या सांप हो,पता नहीं, मगर हो पराये ही, कह

आस्तीन हो या सांप हो,पता नहीं,
मगर हो पराये ही,
कहने में जरा हिचकता न मैं,
देखो न, दूर हो जाते हैं,
जरा दूर उजाले से होने पर मेरे,
मुझसे मेरे साये ही,
तुम भी साये की तरह मन में कहीं -
होगे वो कलेजे पे लोटते सांप,
आस्तीन उतार भी दूंगा मैं,
पराया है तो कैसे फेर दूंगा पानी,
रहें लहजे तेरे किए कराये ही।

©BANDHETIYA OFFICIAL आस्तीन में सांप।
#Path
आस्तीन हो या सांप हो,पता नहीं,
मगर हो पराये ही,
कहने में जरा हिचकता न मैं,
देखो न, दूर हो जाते हैं,
जरा दूर उजाले से होने पर मेरे,
मुझसे मेरे साये ही,
तुम भी साये की तरह मन में कहीं -
होगे वो कलेजे पे लोटते सांप,
आस्तीन उतार भी दूंगा मैं,
पराया है तो कैसे फेर दूंगा पानी,
रहें लहजे तेरे किए कराये ही।

©BANDHETIYA OFFICIAL आस्तीन में सांप।
#Path