रेत का गुबार है ये ज़िन्दगी.. तू है तो ख़ुमार है ये ज़िन्दगी.. ज़िन्दगी की दौड़ कौन जीतेगा, एक घुड़सवार है ये ज़िन्दगी.. बिन तेरे न हो बसर इक पल यहाँ, तुझमें बेशुमार है ये ज़िन्दगी.. जो दिखाती है वो होता ही नहीं, करती बेकरार है ये ज़िन्दगी.. फूल की मासूम पंखुड़ियों सी है, कच्ची कली कचनार है ये ज़िन्दगी.. जीना है तो जिओ ज़िंदादिली से, अंत मे 'अद्भुत' बीमार है ये जिंदगी.. © चीनू शर्मा 'अद्भुत' #रेत_का_ग़ुबार_है_ये_ज़िन्दगी