लफ़्जो़ं में पिरोकर तुम्हे जज़्बात सौंप दूं । हाथों में हाथ हो तो ये हयात सौंप दूं ।। हर सुबह शाम तेरे ख़यालों से घिरा हूं । बिखरी हुई अब अपनी तुझे जा़त सौंप दूं ।। दुनिया की हर इक शै पे हो गर इख़्तियार तो हमदम मेरे मैं तुझको कायनात सौंप दूं । #aliem #yqquotes #jazbat