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बहते हुए दरिया की रवानी है तू, भुलाई न जा सकने वाल

बहते हुए दरिया की रवानी है तू,
भुलाई न जा सकने वाली कहानी तू।

खिलती हुई कलियों का बचपन है,
दहकते हुए शोलों की जवानी है तू।

न कहूँ तो पढ़ ले आंखों से भी,
कहने लगूँ तो लगे है के दीवानी है तू।

शबनम की बूंद है गुलाब के होंठो पर बिखरी हुई,
सहरा पे गिरता है अब्र का पानी है तू।

ज़मीं वाले कैसे पाएंगे के तुझको,
ख़ल्क़ कहती है की आसमानी है तू।

~हिलाल हथ'रवी






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©Hilal Hathravi #lonely #आसमानी #जवानी
बहते हुए दरिया की रवानी है तू,
भुलाई न जा सकने वाली कहानी तू।

खिलती हुई कलियों का बचपन है,
दहकते हुए शोलों की जवानी है तू।

न कहूँ तो पढ़ ले आंखों से भी,
कहने लगूँ तो लगे है के दीवानी है तू।

शबनम की बूंद है गुलाब के होंठो पर बिखरी हुई,
सहरा पे गिरता है अब्र का पानी है तू।

ज़मीं वाले कैसे पाएंगे के तुझको,
ख़ल्क़ कहती है की आसमानी है तू।

~हिलाल हथ'रवी






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©Hilal Hathravi #lonely #आसमानी #जवानी