माफिक रहा मोहब्बत की जुदाई का हमें सेहरा। कभी हमारी सताई कलह बनती है वफा चेहरा।। मुआफिक़*= उपयुक्त सोहरा*=प्रसिद्धि कोरा काग़ज़ #collabwithकोराकाग़ज़ #ishq_adhura