खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम, एक याद उसकी आती है फिर से बिखर जाते है हम। 》THINKOPHOBIA खुद को समेट के, खुद में सिमट जाते हैं हम,एक याद उसकी आती है फिर से बिखर जाते है हम। #loveshovedebaatein #dilkibaatein#dilhijaane