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गायत्री मंत्र:- ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भ

गायत्री मंत्र:-
ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। 
इस मंत्र का अर्थ होता है क‍ि 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
गायत्री मंत्र का दूसरा नाम 'तारक मन्त्र' भी है , तारक अर्थात् तैराकर🏊 पार निकाल देने वाली शक्ति...

मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था, इसके बाद ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र की व्याख्या देवी गायत्री की कृपा से अपने चारों मुखों से चार वेदों के रुप में की- प्रारंभ में गायत्री मंत्र सिर्फ देवताओं के लिए ही था।

गायत्री मंत्र : 24 अक्षरों की 24 शक्तियां, 24 सिद्धियां, 24 देवता:-
तत्: देवता -गणेश, सफलता शक्ति। ... 
स: देवता-नरसिंह, पराक्रम शक्ति। ... 
वि: देवता-विष्णु, पालन शक्ति। ... 
तु: देवता-शिव, कल्याण शक्ति। ... 
व: देवता-श्रीकृष्ण, योग शक्ति। ... 
रे: देवता- राधा, प्रेम शक्ति। ... 
णि: देवता- लक्ष्मी, धन शक्ति। ... 
यं: देवता- अग्नि, तेज शक्ति।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 244 से 254 नाम 
244 जह्नुः अज्ञानियों को त्यागते और भक्तो को परमपद पर ले जाने वाले
245 नारायणः नर से उत्पन्न हुए तत्व नार हैं जो भगवान् के अयन (घर) थे
246 नरः नयन कर्ता है इसलिए सनातन परमात्मा नर कहलाता है
247 असंख्येयः जिनमे संख्या अर्थात नाम रूप भेदादि नहीं हो
248 अप्रमेयात्मा जिनका आत्मा अर्थात स्वरुप अप्रमेय है
249 विशिष्टः जो सबसे अतिशय (बढे चढ़े) हैं
250 शिष्टकृत् जो शासन करते हैं
251 शुचिः जो मलहीन है
252 सिद्धार्थः जिनका अर्थ सिद्ध हो
253 सिद्धसंकल्पः जिनका संकल्प सिद्ध हो
254 सिद्धिदः कर्ताओं को अधिकारानुसार फल देने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' गायत्री मंत्र:-
ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। 
इस मंत्र का अर्थ होता है क‍ि 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
गायत्री मंत्र का दूसरा नाम 'तारक मन्त्र' भी है , तारक अर्थात् तैराकर🏊 पार निकाल देने वाली शक्ति...

मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था, इसके बाद ब्रह
गायत्री मंत्र:-
ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। 
इस मंत्र का अर्थ होता है क‍ि 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
गायत्री मंत्र का दूसरा नाम 'तारक मन्त्र' भी है , तारक अर्थात् तैराकर🏊 पार निकाल देने वाली शक्ति...

मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था, इसके बाद ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र की व्याख्या देवी गायत्री की कृपा से अपने चारों मुखों से चार वेदों के रुप में की- प्रारंभ में गायत्री मंत्र सिर्फ देवताओं के लिए ही था।

गायत्री मंत्र : 24 अक्षरों की 24 शक्तियां, 24 सिद्धियां, 24 देवता:-
तत्: देवता -गणेश, सफलता शक्ति। ... 
स: देवता-नरसिंह, पराक्रम शक्ति। ... 
वि: देवता-विष्णु, पालन शक्ति। ... 
तु: देवता-शिव, कल्याण शक्ति। ... 
व: देवता-श्रीकृष्ण, योग शक्ति। ... 
रे: देवता- राधा, प्रेम शक्ति। ... 
णि: देवता- लक्ष्मी, धन शक्ति। ... 
यं: देवता- अग्नि, तेज शक्ति।

विष्णु सहस्रनाम(एक हजार नाम) आज 244 से 254 नाम 
244 जह्नुः अज्ञानियों को त्यागते और भक्तो को परमपद पर ले जाने वाले
245 नारायणः नर से उत्पन्न हुए तत्व नार हैं जो भगवान् के अयन (घर) थे
246 नरः नयन कर्ता है इसलिए सनातन परमात्मा नर कहलाता है
247 असंख्येयः जिनमे संख्या अर्थात नाम रूप भेदादि नहीं हो
248 अप्रमेयात्मा जिनका आत्मा अर्थात स्वरुप अप्रमेय है
249 विशिष्टः जो सबसे अतिशय (बढे चढ़े) हैं
250 शिष्टकृत् जो शासन करते हैं
251 शुचिः जो मलहीन है
252 सिद्धार्थः जिनका अर्थ सिद्ध हो
253 सिद्धसंकल्पः जिनका संकल्प सिद्ध हो
254 सिद्धिदः कर्ताओं को अधिकारानुसार फल देने वाले

🙏बोलो मेरे सतगुरु श्री बाबा लाल दयाल जी महाराज की जय 🌹

©Vikas Sharma Shivaaya' गायत्री मंत्र:-
ॐ भूर्भव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो न: प्रचोदयात्’ को अत्‍यंत प्रभावी मंत्रों में से एक माना गया है। 
इस मंत्र का अर्थ होता है क‍ि 'सृष्टिकर्ता प्रकाशमान परामात्मा के तेज का हम ध्यान करते हैं, परमात्मा का वह तेज हमारी बुद्धि को सद्मार्ग की ओर चलने के लिए प्रेरित करें।
गायत्री मंत्र का दूसरा नाम 'तारक मन्त्र' भी है , तारक अर्थात् तैराकर🏊 पार निकाल देने वाली शक्ति...

मान्यता है कि सृष्टि के प्रारंभ में ब्रह्मा जी पर गायत्री मंत्र प्रकट हुआ था, इसके बाद ब्रह