Writer mr vivek Kumar Pandey "खुली आँखो से हमने ख्वाब देखे , कुछ कठिन कुछ आसान देखे, कुछ ख्वाब खुद के बुने और , कुछ ख्वाब में अपनो के जज़्बात देखे".। #खुले जजबात