तुम मिट्टी किसी शहर की हो मैं किसी अचल का टुकड़ा हूँ तुम विचरती सारंग हो अंदर मेरे मैं तुम्हारी अनन्त मृग-तृष्णा हूँ ©KaushalAlmora SOD: दीवाना मुझसा नहीं (तीसरी मंजिल/मो. रफी) #मृगतृष्णा #रोजकाडोजwithkaushalalmora #सारंग #yqdidi #love #अनन्त #yqbaba #kaushalalmora