#Worldteacherday हर प्रकार से नादान थे हम बिना गुरु के अज्ञान थे हम क्या होती है दुनियादारी बिन शिक्षा के अनजान थे हम बिना गुरु के ज्ञान कहाँ उनकी इज़्ज़त ना करे जो वो इंसान कहाँ हर छोटी छोटी बातें हमें सिखाते खुद वहीँ खड़े रहते हमें आगे बढ़ाते गुरु है तो है प्यार यहाँ गुरु ना हो तो फिर ये संसार कहाँ हमारे गिरते मनोवल को हैं उठाते ज़िन्दगी की जंग हैं ये हमें जीताते और हम हैं की नहीं रखते याद उन्हें बनते ही कुछ सारी बातें भूल जाते भूलना उनको जैसे इंसानियत को भूलना है उनकी शिक्षा के बिना यहां कुछ अनमोल ना है बिना गुरु के इंसान का मोल कहां है वही है जो हमारे खुदा हमारा जहान है ©Jazbaati Shayar #Worldteacherday