"भारत" हमने सुना था एक है भारत! सब मुल्कों से नेक है भारत! लेकिन जब नज़दीक से देखा, सोच समझकर ठीक से देखा, हमने नक्शे कुछ और ही पाए ! थे लोगों ने अपने चेहरे छुपाए ! एक से एक की बात जुदा है, एकता का भी किरदार जुदा है ! जो कुछ हमको था पढ़ाया, कहीं भी वह नज़र ना आया ! सिर्फ कहने को ही देश आज़ाद हुआ है, आज़ादी-आज़ादी का नारा रटा है! आज़ादी है, काश! लोग भी आज़ाद हो जाएं, हमदर्द का क्या किरदार निभाएंगे - शेख मजीद ©PustakRatna "भारत" हमने सुना था एक है भारत! सब मुल्कों से नेक है भारत! लेकिन जब नज़दीक से देखा, सोच समझकर ठीक से देखा, हमने नक्शे कुछ और ही पाए ! थे लोगों ने अपने चेहरे छुपाए ! एक से एक की बात जुदा है,