आधुनिकता की दौड़ में बिना रुके, भागती ही जा रही है जिंदगी। ना रूकती है, ना विश्राम करती, बस चलती ही जा रही है जिंदगी। ऐ इंसान! कुछ वक्त खुद के लिए भी निकाल ले इस जिंदगी में। जिंदगी एक बार ही मिलती है, हंसकर जिंदादिली से गुजार ले। OPEN FOR COLLAB ✓challenge by ias guideline Ias guideline में आपका स्वागत है🙏 ✨हमेशा रचनात्मक और अधिक लिखने की कोशिश करें