कैसी उधेड़बुन है व्यवस्था सर पर है नवरात्रा घर पर है पूजा समिति लक्ष्य पर है केवल,पत्नी धर्म पर है धार्मिक आयोजन कुंद परम्परा पर है मेला अपना जुड़ाया मन लेकर स्वस्थ्य परिपाटी पर है कैसी उधेड़बुन है मन की अजीब धुन है! बोलो ,जय माता दी !☺️☺️☺️ शक्ति की आराधना से क्या गुस्सा बढ़ जाता है? कैसी उधेड़बुन है मन की अजीब धुन है। #उधेड़बुन #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #विप्रणु #yqdidi #life #poetry